'जाट' जो नाकि एक एक्शन ड्रामा फिल्म है बल्कि यह देशभक्ति, आत्म सम्मान, ग्रामीण जीवन, संस्कृति और मिट्टी के साथ-साथ यह भी दर्शाता है की एक 'सॉरी' के लिए हम क्या-क्या कर सकते है और कहाँ तक जा सकते है इसके 'आलावा' एक अंजान व्यक्ति तथा एक अंजान गाँव को बचाने के लिए बिना जान के परवाह किये अपने ताकत के साथ अपनी सोच समझ से एक खतरनाक गुंडों का सामना कैसे किया गया है। इस मूवी में दमदार सिंसो को दशकों ने दिल से कबूल किया है। निचे 'जाट' मूवी की पूरी जानकारी विस्तार से दी गई है।
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Jaat 2025 |
JAAT (2025) Movie Full Story Review - जाट (2025) मूवी की पूरी कहानी की समीक्षा
- मूवी नाम : Jaat (जाट)
- रिलीज़ की तारीख : 10 अप्रैल 2025
- निदेशक : गोपीचंद मलिननि
- निर्माता : नवीन एर्नेनी, वाई रविशंकर
- कास्ट : सनी देओल, विनीत कुमार सिंह, रणदीप हुड्डा, जगपति बाबू, बबलू पृथ्वीराज, जरीना वहाब, रेजिना कैसेन्द्रा, सायामी खेर, राम्या कृष्णन, उर्वशी रौतेला, मुरली, लोकेश मित्तल।
भाग - 1 कहानी
फिल्म की कहानी एक ऐसे आदमी से शुरू होती है जिसका नाम रँगातुंगा होता है। यह बहुत ही खतरनाक गुंडा होता है जो सभी मिलिट्री वाले लोगो को मार-काट कर उनसे उनके पास से सभी सोना लूट कर श्रीलंका से भाग भारत सिफ़्त हो जाता है और वहां अपनी पहचान छुपा कर एक नया नाम और चेहरा अपना लेता है, धीरे-धीरे वह एक बड़े इलाके पर कब्जा कर लेता है।
रँगातुंगा ना की एक-दो गाँव पर राज़ करता है बल्कि पुरे 30 से 40 गाँव को अपने बस में कर लिया होता है। गाँव के सभी लोगों को डरा कर, धमका कर और कोई गलती से भी बोल दे या आवाज उठाये तो सीधा काट कर फेक देता था और ऐसे ही कर वह अपना साम्राज्य खड़ा किया होता है और यही कारण गाँव के सभी लोग उससे डरते हैं।
उसके खिलाफ कुछ बोलने की हिम्मत नहीं करते गांव वाले उसकी सेवा करने को मजबूर होते हैं। जैसे रँगातुंगा या उसके आदमी चाहता है गाँव वाले वैसे ही करते है।
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एक दिन एक ट्रैन चेन्नई से आयोध्या जाती है, लेकिन किसी दुर्घटना के कारण चिराला के एक गाँव में 5 से 6 घंटे के लिए ट्रैन रुक जाती है। फिर ट्रैन से एक व्यक्ति उतरता है बहुत ही साधारण व् सीधा सपाट लुक और बोल के साथ जो की सनी देवोल होता है फिल्म में इसे 'जाट' के नाम से जाना जाता है।
इस 'जाट' को काफी जोड़ो के भूख और प्यास लगी होती है लेकिन ट्रैन से उतरने के बाद इसे वहाँ का जगह एक दम खाली और सुना सा लगता है हर तरफ एक नज़र घुमाता है लेकिन इसे कुछ नज़र नहीं आता फिर वहां से दो व्यक्ति जा रहे होते है उन्ही से 'जाट' पूछता है तो पता चलता है आगे कुछ कदम पर एक ढाबा है वहाँ सायेद कुछ खाने पिने को मिल जाये।
तो वहां से 'जाट' सीधा उसी ढाबा पर जाता है तो देखता है एक बूढी अम्मा उस ढाबे को चला रही होती है। जाट ने उस बूढी अम्मा के कामो में थोड़ा हाथ बटाता है बातें करता है और फिर इटली खाने बैठ जाता है, जैसे ही इटली खाने की कोशिश करता है वैसे ही रँगातुंगा के कुछ आदमी वहां आ जाते है और फिर रफ़्तार में चलते ही धक्का से 'जाट' की 'इटली' गिरा देते है और फिर ढाबा में जितने भी खाने का सामान है ले कर खाने लगते है।
अब यही से मूवी में कॉमेडी के साथ कुछ इंट्रेस्टिंग सीन्स आती है। इटली गिरने के बाद जाट ने सबको एक नज़र देखता है और फिर इटली को थाली में बहुत प्यार से उठा लेता है और उतना ही प्यार से उस गुंडे के पास भी जाता है और फिर उतना ही प्यार से उसे 'सॉरी' बोलने को कहता है।
लेकिन वो गुंडे 'सॉरी' नहीं बोलता और 'जाट' का मज़ाक उड़ाता है फिर यही मज़ाक और सॉरी वह सभी गुंडे पर बहुत ही भारी पर जाती है साथ ही साथ उस गाँव में हो रहे अत्याचार का रास्ता भी मिल जाता है। जाट को सॉरी ना मिलने के कारण ऊपर से उसका मज़ाक उड़ने के कारण उसके अंदर का तूफान जाग जाता है और वह एक-एक कर उन अत्याचारों का हिसाब चुकता करने की ठान लेता है।
जिस गुंडे ने इटली को गिराया था उसके 'सॉरी' ना बोलने पर ऊपर से मजाक उड़ाने पर जाट ने वही अपनी पुरानी डायलॉग सुनाता है 'ढाई किलो का हाथ' यह सुन वह गुंडा यह बोलता है कि तू जानता नहीं है कि मैं किसका आदमी हूं यह सुनते ही जाट ने उसे बहुत मारता है और उस आदमी के पास उसे लेकर जाता है जिसका वह नाम लिया था।
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वहां जाने के बाद उस आदमी से 'जाट' ने अपनी 'सॉरी' का मांग करता है तो वह भी हंसने लगता है और बोलता है की अजीब आदमी है मेरे ही आदमी को मारा है और 'सॉरी' भी मेरे से ही मांग रहा है फिर 'जाट' ने बताता है कि मैं इटली खा रहा था इसने आया और इटली गिर गया फिर मैं इसको 'सॉरी' बोलने के लिए कहा तो इसने तेरा नाम लिया अब तू बोल 'सॉरी'
लेकिन वह आदमी भी 'सॉरी' नहीं बोलता है वह भी यही कहता है कि तू मेरे भाई को जानता नहीं है फिर उसे भी बहुत मारता है और उसे साथ लेकर उसके भाई के पास जाता है जिसका नाम रँगातुंगा रहता है मेन गुंडा यही रहता है वहां जाने के बाद उसको भी अपनी 'सॉरी' का मांग करता है और रँगातुंगा ने बहुत ही आसानी से 'सॉरी' बोल देता है।
लेकिन 'सॉरी' बोलने के पीछे कुछ रीजन भी होता है जिस रीजन को 'सॉरी' ने अच्छी तरह से समझ चूका होता है। जाट को सॉरी मिल जाने के कारण वह अपने रास्ते जाने के लिए जैसे ही पीछे मुरता है वैसे ही पुलिस की वर्दी दिखाई देती है। उसके पहले पुलिस की गाड़ी दिखाई दी होती है, कागज पर ठपा लगाते हुए दिखाई दी होती है जब यह सभी चीजे 'जाट' को याद आता है तब जाकर वह पूरी की पूरी माजरा समझ जाता है।
फिर 'जाट' को ये भी समझ आ जाता है की यहाँ और इस गाँव में क्या हो रहा है। जाट हर एक का सवाल पूछता है और वहां तक पहुंच ही जाता है जहाँ सात लड़कियों को बेरहमी से इज्जत लूट कर कैद किया गया था। वह सातों लड़कियां पुलिस वाली होती है गाँव में हो रहे अत्याचारों पर आवाज उठाने के कारण उन सातों के साथ ये सब हुआ था।
क्यूकी जितने भी पुलिस थे सब रँगातुंगा से मिले होते है इसलिए जो भी अपना मुँह खोलता था उसे काट दिया जाता था। और यही कारण है की उस गाँव को या उस गाँव के लोगो को इंसाफ नहीं मिलता था। लेकिन 'जाट' ने बिना किसी हिचकिच के, बिना किसी पहचान के, एक मिट्टी के खातिर अपना जी जान लगा देता है। उस गाँव को और उस गाँव के लोगो को बचाने के लिए।
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सबसे पहले तो वह सातों लड़कियों को रँगातुंगा के कैद से छोराता है और वहीं पर पहला भाग खत्म होता है तथा सेकंड भाग शुरू होता है। पहला भाग ख़तम होने के साथ 'इटली' और 'सॉरी' की कहानी भी ख़तम हो जाती है और सेकंड भाग गाँव को और गाँव के लोगो को इंसाफ दिलाने के लिए तथा रँगातुंगा का अत्याचारो को विनास करने की कहानी शुरू होती है।
भाग - 2 कहानी
दूसरा भाग शुरू होता है और दिखाया जाता है सातों लड़कियों को बचाकर 'जाट' ने जब रँगातुंगा की हवेली से निकलता है तो रंगातुंगा ने अपने आदमियों को पीछे लगा देता है वहां से मार-पीट शुरू होती है जिसमें एक लड़की की जान चली जाती है जब वह लड़की पानी की मांग करती है तो उस गांव में एक भी लोग नहीं होते है ना पानी होता है, अंत में एक बूढ़ी अम्मा पानी लेकर आ ही रही थी जब तक लड़की की प्राण निकल जाती है।
चाह कर भी वह छः लड़किया और 'जाट' उस लड़की को बचा नहीं पाते इस प्रकार से यहां पर एक्शन से भरपूर मारपीट का सेंस दिखाई गई है। और मार पिट ख़तम होते ही वह छः लडकियो और बाकि लोगो का भी यही सवाल होता है की आखिर ये 'जाट' है कौन ? जिसका ना इस गांव से कोई संबंध है, ना वह इस गांव का है फिर भी इस गांव को बचाने के लिए अपनी जी जान लगा दिया है।
और उस गांव को बचाता भी है और गांव के लोगों को अपनी-अपनी अधिकार और इंसाफ दिलाता है। रँगातुंगा और उसके आदमियों को भी उसके किए का सजा मिल जाता है और अंत में अपना परिचय भी देता है कि वह एक 'किसान' है जिसे जाट के नाम से जाना जाता है।
गाँव को इंसाफ दिला कर जब जाट अपने गाँव जाने लगता है तभी एक छोटी सी बच्ची आवाज देती और जाट से मिलती है बातें करती है और फिर से बुलाने की प्रॉमिस करती है कि कभी भी मुसीबत आए इस गाँव पर तो क्या आप हम लोगों की मदद करने के लिए आएंगे। जाट ने जवाब 'हां' में देता है और फिर वह वापस लौट जाता है और इसी के साथ यह 'जाट' मूवी खत्म होती है।
तो दोस्तों अगर आप देशभक्ति मूवी देखना पसंद करते है या सनी देओल के फैन है तो यह फिल्म आपके लिए एक बेहतरीन चॉइस हो सकती है क्यूकी इसमें देशभक्ति के साथ-साथ एक्शन, कॉमेडी भी है इसके आलावा बहुत कुछ सीखने को भी मिली हैं।
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मैं अपनी राय दूँ तो मुझे यह मूवी काफी ज्यादा पसंद आई। आपको कैसी लगी कॉमेंट में अपना राय जरूर दे तथा मेरे बताने का तरीका कैसा लगा यह भी कॉमेंट में जरूर बताए। और इस पेज पर पहली बार आए है तो इसे फॉलो जरूर करें ताकि मूवी से रिलेटेड हर एक इनफॉरमेशन सबसे पहले आपको मिल सके।
लास्ट में इतना कहना चाहूंगी की इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। क्योंकि यह मूवी हर एक व्यक्ति के लिए खास है। आप इस मूवी को अपने फैमिली, माता-पिता, भाई-बहन, पत्नी या पति या फिर दोस्त किसी के साथ देख सकते हैं। इस मूवी में ऐसी कोई भी गन्दी सींस नहीं दिखाई गई है जिससे कोई समस्या हो। एक सेकंड के लिए हिंट दी गई है लेकिन ओपन नहीं दिखाया गया है। तो मिलती हूँ एक और ऐसे ही इंट्रेस्टिंग टॉपिक के साथ अगली आर्टिकल में तब तक के लिए जय हिन्द जय भारत धन्यवाद